मेरे प्यार का हक यूँ जया ना कर
अपनापन जताकर पराया ना कर
जिंदगी तेरे यादों की याद में गुजर जाए
बस इत्ती सा ही प्यार चाहिए तेरा
नजर में बस तू ही है एक सदा
दूसरा कोई फिर भाया नहीं
दिल जो एक बार टूट गया
फिर किसी से अब तक जुड़ा नहीं
जिद्दी है मेरा दिल मेरी तरह
रोता है खुद में , ना करता कलह
बस जाने के पहले एक मुस्कराहट चाहिए
बस नाम मात्र का तेरा प्यार चाहिए
तेर होने से जो गुलजार है
ना होने से है सब बेकार
इल्तजा,वफा, इज्जत सब है
पर बिन तेरे मैं हूँ लाचार
तेरा ना इश्क चाहिए , ना व्यापार
ना तू चाहिए , ना तेरा कोई किरदार
बस जज्बातों को एक कद्र चाहिए
तेरे आँखों में खुद का सम्मान चाहिए
एक तू है , एक मैं हूँ
दो जिद है , दोनों जिद्दी है
सबको शायद अधिकार चाहिए
रिश्तों को बस थोड़ा सा सम्मान चाहिए !
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