Friday 23 May 2014

woh kehte hain baarish ki pehli boond ko dharti se pyar hai.......

वो कहते हैं शिकवे हैं हमसे , पर प्यार उसी से है,
उलझन भरी इस दिल को आज इकरार उसी से है ,
धरती और बारिश की वह पहली बूँद की इश्क़ समझ ना पाया कभी-
और आज कहते हैं दीवानगी ये इश्क़ की उसी से है ,

वह कहते हैं, उसकी झुकी नज़र को हम निगाहें  कहते है ,
बिखेरे जो जुल्फ़े वो आज यहाँ  सावन की घटा लगते है ,
धरती और बारिश की वह पहली बूँद की इश्क़ समझ ना पाया कभी-
आज फिर भी गर्व से कहते हैं, उसकी आँखोँ  में  इश्क़ ढूँढ़ते  है,

वह कहते हैं,हम मयस्सर शमा में चिराग ढूँढ़ते है ,
अपनी ज़िंदगी में होने को उसपर फ़ना चाहते है ,
धरती और बारिश की वह पहली बूँद की इश्क़ समझ ना पाया कभी-
फिर भी आज चाहत में चाहना एक नाम चाहते है,

वह कहते हैं , उसकी गालोँ से लाली सूरज उधार लेते है,
उसकी रसीली होठोँ  से ये दिल इक  मिठास उधार लेते हैं ,
धरती और बारिश की वह पहली बूँद की इश्क़ समझ ना पाया कभी-
और आज इस दिल के रिश्ते में एक इश्क़ एक जूनून गढ़ते हैं ,

वह कहते हैं, बारिश की पहली बूँद को धरती से प्यार है ,
दिल न है दोनो के पास फिर भी आज इक इकरार है ,
हम तो है दिलवाले , उस दिल से हमें प्यार है … प्यार है ....प्यार है .......  

Thursday 22 May 2014

its a iiser effect

बुलाती है खुशियाँ बाहें बिछाए जिसे वह खुद ज़िन्दगी  कहती है
हर पल को कर नाम उसके ज़िंदा रहने का एक एहसास कराती है  
गुज़रती है तंग गलियोँ  में एक उम्मीद के किरण के साथ हर पग मे 
कि मिल ही जायेंगे रास्तें  बड़े विचरते हुए इन मश्हूर  तंग गलियोँ  में
पर फिर भी है अनभिज्ञ एक तथ्य से की एक दुनिया और कहीं बसी है 
ज़िन्दगी को ज़िन्दगी न समझ जहाँ सिर्फ पाने को एक नाम  होड़ लगी है 
है आबाद वहाँ हर कुछ पर है ना  चैन वहां की बेशकीमती जीवनशैली में 
जिंदगी का कोई मोल नहीं  वहां करते मेहनत अनचाहे चरवाहे जैसी शैली में 
मिला एक वहां के भक्त प्रिये से रूककर बोला चलो आज ख़ुशी की ज़िन्दगी जीते हैं 
मिला जवाब बड़ा अचंभित समय कहाँ है आज यहाँ अभी मेरे पास काम काफी बचा हुआ है 
रुक थोड़ा हंसकर बोला - इसपर आइज़र का गुमान चढ़ा है …गुमान चढ़ा है …गुमान चढ़ा है  .......... 

paleo

है हकीकत कुछ और पर बयां सही वो  कर न पायी
जख्म पर मरहम देने हलकी मुस्कराहट अपने लबोँ पे लायी
फ़र्ज़ और गरिमा की बात अशोभनीय थी उस वक्त, पर कौन उसे समझाए
उसे क्या पता उसकी नाराज़गी इस हस्ती खेलती  ज़िन्दगी मैं फिर से मयूषी ले आई.…
आज फिर से मयूषी ले आई.…