-पासवान की कलम से
एक लड़की है -
इस छोटी सी जिंदगी में मेरी
जो थोड़ी पगली सी है
जो थोड़ी अपनी सी है
पर, बहुत प्यारी है !
एक लड़की है -
जो दूर कहीं बैठी है
जो मुझसे रूठी बैठी है
उसका रूठना जाता नहीं
और, मुझे मनाना आता नहीं
थोड़ी सुलझी है, थोड़ी उलझी है, थोड़ी जिद्दी भी है
बिल्कुल मेरे जैसी है
उसके नखरें हैं बच्चों सा, पर बातें बड़ी सयानी है
मुझसे झगडती है बहुत, प्यार करती है बहुत
पर मुझे अपनाती नहीं !
एक लड़की है -
जो दिल में है, दिमाग में है
पर मेरी होती नहीं !
एक लड़की है -
इस छोटी सी जिंदगी में मेरी
जो थोड़ी पगली सी है
जो थोड़ी अपनी सी है
पर, बहुत प्यारी है !
एक लड़की है -
जो दूर कहीं बैठी है
जो मुझसे रूठी बैठी है
उसका रूठना जाता नहीं
और, मुझे मनाना आता नहीं
थोड़ी सुलझी है, थोड़ी उलझी है, थोड़ी जिद्दी भी है
बिल्कुल मेरे जैसी है
उसके नखरें हैं बच्चों सा, पर बातें बड़ी सयानी है
मुझसे झगडती है बहुत, प्यार करती है बहुत
पर मुझे अपनाती नहीं !
एक लड़की है -
जो दिल में है, दिमाग में है
पर मेरी होती नहीं !