Saturday 31 December 2016

Happy new year!

ये लालिमा भी है बीत गया , नया संवत है देहरी पर
कुछ अरमां है रह गया , कुछ आशाएँ है फिर मुख पर
बस यूँ ही कालांतर बदल रहा , हम मनमौजी  दीवानों का
खुश रहो और खुश रखो सबको  , मुबारक के इस मौके पर
नए वर्ष की शुभ शुभकामनाएँ !☺

Sunday 4 December 2016

करो, कुछ करो -

-पासवान की कलम से 

करो, कुछ करो -
एक जतन करो , एक प्रयत्न के लिए 
मेघ से घिरे आकाश की भी ऊँचाई बहुत है 
यत्न करो , कल्पना से परे जीने के लिए 
कुछ करो , कुछ करने के लिए !

करो, कुछ करो -
एक कदम बढ़ाओ , एक तजुर्बा के लिए 
समय है सीमित , संचित अँधेरा घना बहुत है 
पद चिन्ह छोड़ो , जग के अनुकरण के लिए 
कुछ करो , एक मिशाल बनने के लिए !

करो, कुछ करो -
एक संवाद करो , एक सोच के लिए 
समस्या के टीले पे समाधान खड़ा है 
राह बनो , नदी का किनारा पाने के लिए 
कुछ करो, एक अभिलाषा के लिए !

करो, कुछ करो -
कुछ अपने लिए , कुछ अपनों के लिए !