- पासवान की कलम से
वक्त चलता है -
सफर से पहले , सफर के बाद तक
ज्ञान से पहले , ज्ञान के बाद तक
मगर , खामोशी संग !
वक्त अजेय है -
कालांतर के युद्ध में
स्वयुद्ध में
मगर , गुमान नहीं !
वक्त लंबी है -
इंतजार तक और समर्पण तक
निभाने तक और समझने तक
मगर , सीमित है !
वक्त विरोधाभास है -
विचारों की शैली में
एहसासों के स्पंदन में
मगर , भाव-विहीन !
वक्त कर्मठ है -
संघर्ष से वजयी तक
चेतना से उमंग तक
मगर , श्रेय लेता नहीं !
वक्त ! बस वक्त है
किसी का मोहताज नहीं !
वक्त चलता है -
सफर से पहले , सफर के बाद तक
ज्ञान से पहले , ज्ञान के बाद तक
मगर , खामोशी संग !
वक्त अजेय है -
कालांतर के युद्ध में
स्वयुद्ध में
मगर , गुमान नहीं !
वक्त लंबी है -
इंतजार तक और समर्पण तक
निभाने तक और समझने तक
मगर , सीमित है !
वक्त विरोधाभास है -
विचारों की शैली में
एहसासों के स्पंदन में
मगर , भाव-विहीन !
वक्त कर्मठ है -
संघर्ष से वजयी तक
चेतना से उमंग तक
मगर , श्रेय लेता नहीं !
वक्त ! बस वक्त है
किसी का मोहताज नहीं !
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