Sunday 20 November 2016

जान सको तो जानो


                               -पासवान की कलम से 

क्या होता है एकाकी में ,
क्या होता है बेबाकी में ,
किस्मत भी है कहीं , और औरों का सलाह 
जान सको तो जानो -
क्या होता है खुद को  खुद में जीने में !

कभी लड़खड़ाए वो कदम ,
कभी डराए वो कदम ,
कभी वही कदम हौसला है , और कभी संघर्ष 
जान सको तो जानो -
क्या होता है अटकलों के बीच जीने में !

एक तरफ उदाहरणों का अंबार है 
एक तरफ हाशिये भी बैठा तैयार है 
है कहीं चुनौती वो  , और है वही कभी जुनून  
जान सको तो जानो -
क्या होता है जिद और जद को जीने में !

जिंदगी कभी बहुत छोटी है , है कभी बहुत बड़ी 
जान सको तो जानो -
कितनी मुश्किल और कितना आसान है इसे जीने में !





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