-पासवान की कलम से
क्या होता है एकाकी में ,
क्या होता है बेबाकी में ,
किस्मत भी है कहीं , और औरों का सलाह
जान सको तो जानो -
क्या होता है खुद को खुद में जीने में !
कभी लड़खड़ाए वो कदम ,
कभी डराए वो कदम ,
कभी वही कदम हौसला है , और कभी संघर्ष
जान सको तो जानो -
क्या होता है अटकलों के बीच जीने में !
एक तरफ उदाहरणों का अंबार है
एक तरफ हाशिये भी बैठा तैयार है
है कहीं चुनौती वो , और है वही कभी जुनून
जान सको तो जानो -
क्या होता है जिद और जद को जीने में !
जिंदगी कभी बहुत छोटी है , है कभी बहुत बड़ी
जान सको तो जानो -
कितनी मुश्किल और कितना आसान है इसे जीने में !
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