Thursday 31 December 2015

है बेखबर वो ................

है बेखबर वो  ..........

                                   -अभिलाष कुमार पासवान

साल बदल रहे है , लोग तमन्नें बदल रहे है , है कहीं गुमनाम वो 
हम तो बस इंतजार में जी रहे , क्या साल क्या तमन्ना , है मुझसे बेखबर वो 
राहें तो बहुत आएगी आगे भी , होगा ना फिर कभी इंतजार पथ पर 
मेरे आँसू छलक रहे है , है तो पानी मात्र दुनिया के लिए , पर इस मोती से है बेखबर वो
सोने के जेवर से होगी लबरेज , होगी ना दूजा मोती ऐसा 
होगी ना ये इश्क की मोती बेवफा , अपनी नाज की दौलत से है कहीं बेखबर वो 
होगी वो घर विशाल जरूर , है ना वो दिल दिलदार कहीं 
होगी हिमायतों की बारिश जहाँ , अपने उस मकबरे से दूर है बेखबर वो 
उसकी साँसे जिस दिल की धड़कन होगी , उस दिल से है बेखबर वो
साल बदल रहे है , लोग तमन्नें बदल रहे है , है कहीं गुमनाम वो

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